लेखांकन Accounts in hindi

उद्यमिता (Entrepreneurship) की महत्व क्या है ?

उद्यमिता केवल वस्तु का उत्पादन करने या उत्पाद तैयार करने तक ही सीमित नहीं होती बल्कि इसके अंतगर्त वस्तु का विक्रय व्यापार एवं बाजार का रुख और सेवा इत्यादि भी शामिल होती है।
किसी भी राष्ट्र के विकास में उद्यम की बहुत महत्ता है, खासकर भारत जैसे विकाशील देश में उद्यम न केवल आद्यौगिक क्षेत्र में बल्कि देश के कृषि एवं सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
संक्षिप्त रूप में उद्यमिता के निम्नलिखित महत्व हम देख सकते हैं :
  1. आज विश्व में प्रायः हर देश बेरोजगारी की भयानकता से गुजर रहा है। उद्यमिता इस अभिशाप को दूर करती है। उद्यमिता ' जियो औरों को भी जीने दो ' की नीति पर चलती है। उदमी एक नए सोच और नए विचार लेके व्यवसाय में प्रवेश कर अपना स्वरोजगार तो पता ही है साथ में अनेक लोगों को इस कार्य से जोड़कर उन्हें भी रोजगार दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

  2. उद्यमिता एक लगातार विकास प्रक्रिया है जिसके अंतगर्त साहसी उद्योग में हमेशा नये-नये अविष्कार कर बाजार की परिवर्तित दशा के अनुसार वही उत्पादन करता है जिसकी मांग देश के आलावा विदेश में भी हो।

  3. आर्थिक विकास की तीव्र गति प्राप्त करना हम सभी की एक अहम कामना है जिसके लिए तीव्र औद्योगिक विकास की आवश्यकता है। और इस आवश्यकता की पूर्ति में उद्यमिता की महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि यह साहसी को तराश कर उसमे ऐसा गुण भरता है कि वह उद्योग-जगत का सूत्रधार और इंजन बनकर देश के आर्थिक विकास में भागीदार साबित हो।

  4. उद्यमिता मानवीय संसाधन का सही और पूर्ण उपयोग करने की क्षमता है। मानवीय संसाधन राष्ट्र की एक अमूल्य धरोहर है किन्तु अगर इसका सही उपयोग नहीं हुआ तो यह देश और समाज के लिए एक बहुत बड़ा बोझ बन जाता है। उद्यमिता लोगों में साहसी होने की भावना जगाती है और उनमे नये अवसरों की जानकारी देकर उनमें आत्मविश्वास जगाती है। और जिसके चलते मानवीय संसाधन दायित्व के बदले सम्पत्ति बन जाता है।